बावरियों का नाम तो आपने सुना ही होगा। वही बावरिया, जिन्हें कच्छा-बनियान, सरियामार और घुमंतू गिरोह के नाम से जाना जाता है। अपराध से पहले पूजा करना इनका रिवाज है और वारदात के दौरान खून बहाना पुण्य। महिलाएं और बच्चे भी लूट करने में जरा भी हिचकते नहीं। ऐसी बिगड़ैल जनजाति को सही राह दिखाने का जिम्मा उठाया है आईएएस अफसर नागेंद्र प्रताप सिंह ने।
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