दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2015-16 और 2017-18 के बीच छात्रों द्वारा उनकी आंसरशीट के पुनर्मूल्यांकन और दोबारा जांच और उन्हें उसकी कॉपी मुहैया कराने के लिए तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। एक आरटीआई पर मिले जवाब से इस बात का खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक, उसने 2015-16 और 2017-18 के बीच अकेले पुनर्मूल्यांकन से 2,89,12,310 रुपये कमाए हैं। रीचेकिंग से 23,29,500 और छात्रों को उनकी आंसरशीट की कॉपी मुहैया कराने के लिए 6,49,500 रुपये वसूले गए हैं।
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